UP STF ने विकास दुबे के साले और उसके बेटे को लिया हिरासत में, पूछताछ के लिए लाए गए कानपुर

UP STF ने विकास दुबे के साले और उसके बेटे को लिया हिरासत में, पूछताछ के लिए लाए गए कानपुर

भोपाल/लखनऊ। कानपुर (Kanpur Encounter) के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के साले राजू निगम और उसके बेटे आदर्श निगम को यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के बुढ़ार कस्बे से हिरासत में लिया है और बुधवार सुबह पूछताछ के लिए कानपुर ले गई है. शहडोल की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिमा मैथ्यू ने बताया कि राजू को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल एसटीएफ ने बुधवार को हिरासत में लिया, जबकि आदर्श को सोमवार को हिरासत में लिया. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस ने उत्तर प्रदेश एसटीएफ की मदद की.

वहीं, शहडोल जिले के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि राजू निगम (45 वर्ष) एवं उसके बेटे आदर्श (19 वर्ष) को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ टीम हिरासत में लेकर बुधवार सुबह छह बजे कानपुर ले गई है.

उन्होंने कहा कि राजू निगम उर्फ ज्ञानेंद्र निगम उर्फ राजीव भुल्लर वर्ष 2006 से बुढ़ार कस्बे में आकर निवास कर रहा था. शुक्ला ने बताया कि राजू की ससुराल बुढ़ार में ही है और वह बुढ़ार में रहकर भूसा का व्यवसाय कर रहा था.

उन्होंने कहा कि राजू का मोबाइल फोन भी एसटीएफ की टीम ले गई है. शुक्ला ने बताया कि ज्ञानेंद्र उर्फ राजू उत्तर प्रदेश में हुए संतोष शुक्ला व दिनेश दुबे हत्या कांड में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ सह आरोपी रहा है. इन घटनाओं के बाद राजू वर्ष 2006 में शहडोल जिले के बुढ़ार कस्बे में आ गया और यही निवास करने लगा.

उन्होंने बताया कि राजू निगम की बहन सोनू निगम से विकास दुबे ने ‘लव मैरिज’ कर ली थी और शादी के बाद वह रिचा दुबे नाम से जानी जाती है. शुक्ला ने कहा कि राजू भुल्लर ने मंगलवार शाम को उनके कार्यालय पहुंचकर उनसे संपर्क किया था. राजू ने बताया था कि उसका पिछले 15 सालों से विकास दुबे से कोई संपर्क नहीं है और वह पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करना चाहता है.

उन्होंने कहा कि इसके बाद ही उत्तर प्रदेश की एसटीएफ को इस संबंध में सूचित किया गया और एसटीएफ की टीम ने बुधवार सुबह राजू और उसके पुत्र आदर्श को अपने साथ कानपुर ले गई. शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर बुढ़ार कस्बा है.

अपने बेटे के हिरासत में लिए जाने के बाद राजू निगम ने मीडिया को मंगलवार को बताया था कि वह पिछले 15 साल से विकास दुबे के संपर्क में नहीं है और आशंका व्यक्त की थी कि वह और उसका बेटा फर्जी प्रकरण में फंसाये जा सकते हैं और मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं.

बता दें कि बीते दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा, तीन दारोगा और चार सिपाहियों की हत्या कर दी थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *