लखनऊ। योगी सरकार ऑपरेशन क्लीन के तहत प्रदेश में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले कुख्यात गैंग्स का सफाया करने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में जेल में बंद माफिया डॉन और मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। जिसमें पुलिस ने अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन और अवैध तरीकों से अर्जित की गई 39.80 करोड़ रुपए की संपत्तियों को भी मुख्तार के करीबियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़े लोगों के 33 असलहों के लाइसेंस निलंबित कर पुलिस थानों में जमा करवाए गए हैं।
बता दें यूपी पुलिस मुख्तार अंसारी के करीबी होने का लाभ उठाकर अवैध काम करने वालों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके साथ लगातार उनपर कार्रवाई कर रही है। वहीं प्रशासन ने अब तक जनपद में 17 माफियाओं को चिन्हित किया है। चिन्हित माफियों में तीन गौ तस्कर, तीन शराब माफिया एवं शेष आपराधिक माफिया हैं। टॉप और इनामिया बदमाशों को दबोचने के लिए पुलिस टीम गठित कर सक्रिय कर दी गई है।
फिलहाल, इस वक्त माफिया गैंग का सरगना मुख्तार अंसारी और उसका संचालन करने वाले जेल के सलाखों के पीछे हैं। तो कई वर्तमान में जमानत पर बाहर है। जिनकी गतिविधियों पर पुलिस पैनी नजर बनाए रखी है। इसके साथ इनके विरूद्ध कार्रवाई भी की जा रही है। पुलिस अब इन बदमाशों द्वारा कब्जा की गई सरकारी जमीनों को भी मुक्त कराने काम तेजी से कर रही हैं। इतना ही नहीं मुख्तार अंसारी के गैरकानूनी कारनामों पर नकेल कसने के लिए पुलिस उसके रिश्तेदारों समेत सभी सहयोगियों के शास्त्र लाइसेंसो को निरस्त करने का अभियान भी चला रही है।
उत्तरप्रदेश प्रशासन के इस रुख से सारे माफिया इस वक्त ख़ौफ में आ गए है। वहीं कई बदमाश पुलिस के डर से अंडर ग्राउंड भी हो गए है। जिनको पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक की ओर से एक टीम गठित की गई है। इसके अलावा, सभी थानाध्यक्षों को इनकी धर-पकड़ के लिए निर्देशित किया गया है।
एसपी ने बताया कि शासन के निर्देश पर माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहें अभियान के क्रम में जनपद स्तर पर चिन्हित माफियाओें, भू-माफियाओं, गोतश्कर, शराब माफिया, अपराधिक माफिया, मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह, गोरा राय, अमित राय, करमवीर सिंह उर्फ सोनू, महेंद्र जायसवाल, गोल्डेन उर्फ इम्तियाज, पारस सिंह कुशवाहा, सुभाष यादव, विनय पांडेय, अफरोज खान उर्फ चुन्नू, आदि के खिलाफ अनवरत कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि केवल गाजीपुर में ही नहीं बल्कि मऊ, वाराणसी और जौनपुर सहित पूर्वी यूपी के जिलों में मछली व्यापार में मुख्तार के गुर्गों के एकाधिकार को तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर यूपी पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही हैं। वहीं मऊ पुलिस ने टैक्सी स्टैण्ड के नाम पर जबरन वसूली करने वाले मुख्तार समर्थित रैकेट पर भी अब शिकंजा कस दिया है।