लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लगता नहीं है कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था भी है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पिछड़े, न अल्पसंख्यक, न नौजवान, न पत्रकार सुरक्षित हैं। सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग जिसे न कानून की परवाह है और नहीं लोकलाज की। प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में अवैध शराब का धंधा करते भाजपा का सेक्टर संयोजक पकड़ा गया। सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं।
प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रति भी राज्य की भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है। संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा हो गए चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है। सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है। जब विभाग में मुखिया ही नही है तो कामकाज कैसे चुस्त-दुरूस्त होगा?
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का तो अब मुख्यमंत्री की टीम इलेवन के अफसरों को भी एहसास हो चला है। महाभ्रष्ट भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता पर चौतरफा मार पड़ रही है। मंहगाई, बीमारी और सरकारी उदासीनता ने जिन्दगी दूभर कर दी है। मुख्यमंत्री को नए-नए आदेश जारी करने के बजाय निष्पक्ष ढंग से हालात का जायजा लेना चाहिए। केवल बयानबाजी से प्रदेश का भला होने वाला नहीं।