दो बार के विश्व कप विजेता और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। धोनी के संन्यास का एलान करने के कुछ देर बाद ही उनके साथी खिलाड़ी रहे सुरेश रैना ने भी अंतरार्ष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसला ले लिया।
क्रिकेट के ग्राउंड पर धोनी और रैना कई बार महत्वपूर्ण पारी खेलकर भारतीय टीम को मुसीबत से बचाया और जीत दिलाई। इसमें से एक मैच था 2015 का वर्ल्ड कप जिसमें धोनी और रैना ने भारत की डूबती नैय्या को संभाला और 196 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई।
यह मैच 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप का 39वां मैच भारत और जिम्बाब्वे के बीच था जो ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) के ईडन पार्क में खेला गया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे की पूरी टीम 48.5 ओवर में 287 रन पर आउट हो गई। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की धीमी शुरुआत हुई और जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने टीम का टॉप ऑर्डर को तहस-नहस कर दिया।
भारतीय टीम ने 92 के स्कोर पर तक रोहित शर्मा (16), शिखर धवन (4), विराट कोहली (38) और अजिंक्य रहाणे (19) को खो दिया था। इसके बाद भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई और यहां से 288 का लक्ष्य और मुश्किल हो गया। 92 के स्कोर पर चार विकेट गवांने के बाद एमएस धोनी और सुरेश रैना के कंधों पर टीम को शर्मनाक हार से बचाने की जिम्मेदारी थी। दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय पारी को संभाला और फिर अंतिम ओवरों में अपने बड़े शॉट्स खेलकर जिम्बाब्वे के आक्रमक गेंदबाजी को ध्वस्त कर दिया। अंत में 8 गेंदे शेष रहते हुए रैना-धोनी ने भारतीय टीम को 6 विकेट से जीत दिला दी।
इस दौरान दोनों बल्लेबाजों ने 156 गेंदों में 196 रनों की अटूट साझेदार की। सुरेश रैना ने 104 गेंदों पर नाबाद 110 रन की पारी खेली वहीं, धोनी ने 76 गेंदों पर नाबाद 85 रन बनाए। वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में सुरेश रैना का यह पहला शतक था और उनकी शानदार पारी के लिए उन्हें मैच ऑफ दा मैच चुना गया।