क्रिकेट की दुनिया में बतौर कप्तान टीम इंडिया के लिए तीन बड़े टूर्नामेंट की ट्रॉफी जीताने वाले महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. टीम इंडिया को साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीताने वाले कप्तान धोनी अब कभी नीली जर्सी में नजर नहीं आएंगे. हालांकि, धोनी के इस फैसले से उनके चाहने वाले मायूस हैं, वो इस बात के लिए मायूस हैं कि वो अपने हीरो को मैदान से अलविदा कहते हुए नहीं देख सके.
फैन्स का कहना है कि धोनी को सचिन और बाकि अन्य खिलाड़ियों की तरह एक बेहतर रिटायरमेंट मिलना चाहिए था. उनके चाहने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी मायूसी जाहिर की है. वो उम्मीद कर रहे थे कि माही मैदान से ही रिटायर होंगे और फिर उन्हें वो लम्हा जीने का मौका मिलता.
ऐसे में सवाल उठता है कि धोनी ने अभी संन्यास की घोषणा क्यों की? दरअसल, उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप का इंतजार था और वो चाहते थे कि टीम इंडिया को एक और वर्ल्ड कप जीताकर मैदान से क्रिकेट को अलविदा कहें, लेकिन कोरोना वायरस के कारण टी-20 वर्ल्ड कप टाल दिया गया और धोनी जैसा चाहते थे वैसा हो न सका.
इस बारे में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आजतक से बातचीत में कहा, ‘वो (धोनी) इसी का इंतजार कर रहे थे कि इस साल आईपीएल टी-20 टूर्नामेंट का आयोजन मार्च-अप्रैल में होता और वहां पर उनका अच्छा परफॉर्मेंस होता तो भारतीय टीम में उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप के लिए चुना जाता. और फिर वहां पर जाकर वो टीम इंडिया को जीत दिलाकर मैदान पर रिटायरमेंट की घोषणा करते. पर कभी-कभी ऐसी चीजें होती हैं जो अपने हाथ में नहीं होती हैं. ये तो वक्त की बात है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण सबकुछ सत्यानाश हो गया है.’
बता दें कि कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए आईसीसी ने ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को अगले साल तक के लिए टाल दिया है. साथ ही बीसीसीआई ने आईपीएल के आयोजन को भी यूएई शिफ्ट कर दिया है.