टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. अपने शांत स्वभाव के कारण कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी के क्रिकेट करियर के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब लोग उन्हें मैदान में बिना कपड़ों के देख गांगुली का टी-शर्ट उतारना याद करने लगे थे.
दरअसल वो 2002 का साल था और भारतीय टीम नेटवेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर थी. उस वक्त सीरीज के फाइनल में मिली जीत के बाद जिस तरह गांगुली ने अपनी टी-शर्ट खोलकर हवा में लहराई थी, वो लम्हा याद आते ही भारतीय क्रिकेट के चाहने वालों में जोश भर जाता है. लेकिन केवल गांगुली ही ऐसे भारतीय कप्तान नहीं थे, जिन्होंने ऐसा किया, बल्कि एक समय ऐसा भी आया जब माही ने जीत की खुशी में मैदान पर टी-शर्ट उतार दी थी.
क्यों और कब उतारी थी धोनी ने टी-शर्ट?
साल 2007 में पहले ICC टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत और पाकिस्तान के बीच भिड़ंत हुई. भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 157 रन बनाए थे. इसमें गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 75 रनों की पारी खेली थी. इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने 107 रन पर 7 विकेट खो दिए थे और मैच भारत के हाथ में दिख रहा था, तभी मिस्बाह-उल-हक ने रनों की बरसात शुरू कर दी. इसके बाद आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रनों की जरूरत थी और उनके पास सिर्फ एक विकेट बचा था.
यहां एक बार फिर कैप्टन कूल ने अपने फैसले से सबको चौंकने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने अनुभवी हरभजन को ओवर न देकर पहला मैच खेल रहे जोगिन्दर शर्मा को गेंद थमाई. यह भी दिलचस्प था कि जोगिन्दर शर्मा पहली बार टीम इंडिया के लिए कोई टूर्नामेंट खेल रहे थे. वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सर देसाई ने अपनी किताब ‘टीम लोकतंत्र’ में महेंद्र सिंह धोनी के बयान का जिक्र किया है.
इस आखिरी ओवर में पहली गेंद वाइड और दूसरी पर छक्का लगा. इसके बाद पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 5 रनों की जरूरत थी और टीम इंडिया जीत से सिर्फ एक विकेट दूर थी. इसके बाद तीसरी गेंद जोगिंदर शर्मा ने स्लो डाली और मिस्बाह श्रीसंत के हाथों में कैच थमा बैठे. इसी के साथ टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट की पहली विजेता बन गई. इस जीत के साथ ही पूरा जोहानिस्बर्ग का स्टेडियम झूम उठा. भारतीय फैन्स उत्साह से भरे हुए थे. इस सबके बीच धोनी अभी भी एक शांत मुस्कान लिए मैदान पर मौजूद थे.
जिस वक्त टीम मैदन पर जश्न मना रही थी, धोनी ने एक बार फिर ऐसा कुछ किया जिसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने अपनी इंडिया की टीशर्ट उतारी और एक बच्चे को दे दी और खुद बिना टीशर्ट के मैदान में चलने लगे. इस लम्हे से 5 साल पहले जब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स में टीशर्ट उतार कर हवा में लहराई थी, उसे खेल भावना के विरुद्ध माना गया था.
इसके उलट धोनी को अपनी इस दरियादिली के लिए भरपूर शाबाशी मिली थी और भारतीय क्रिकेट के दीवानों के जहन में वो एक तस्वीर हमेशा के लिए घर कर गई. इस वाकये के बारे में धोनी ने राजदीप सर देसाई से कहा था कि वो बहुत ही अचानक से हो गया था. उन्हें (धोनी) लगा कि मुझे वैसा करना चाहिए था.
उस समय टीम इंडिया के कोच रहे लालचंद राजपूत कहते हैं, एमएस धोनी के बारे में सबसे बेहतरीन बात ये है कि वो जिन्दगी का हर दिन जीते हैं. इसलिए उन्हें जीत का दम्भ नहीं होता और हार का गम नहीं.