कुछ ही देर में इंसान को मौत की नींद सुला सकता है Cholinesterase Inhibitor, नवलनी पर हुआ इस्‍तेमाल

नई दिल्‍ली। रूस में राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के विरोधी नेता एलेक्सी नवलनी को जर्मनी के अस्‍पताल ने जहर देकर मारने की कोशिश करने की पुष्टि कर दी है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के मुताबिक अस्‍पताल ने टेस्‍ट के बाद इसकी पुष्टि की है। हालांकि अस्‍पताल की तरफ से ये भी कहा गया है कि अब उनकी जान को कोई खतरा नहीं है। हालांकि इससे पहले रॉयटर्स की खबर में मास्‍को के हवाले से कहा गया था कि नवलनी की तबियत अचानक खराब होने की जांच का कोई मतलब नहीं रह गया है क्‍योंकि जर्मनी के अस्‍पताल की तरफ से उनको जहर देने की कोशिश करने जैसी कोई बात अब तक नहीं कही गई है। खबर में ये भी कहा गया है कि जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने रूस से इसकी जांच करने की अपील की थी। खबर के मुताबिक उन्‍होंने कहा था कि जर्मनी की डॉक्‍टरों को टेस्‍ट के दौरान उनके शरीर में टॉक्सिक सब्‍सटेंस मिले हैं। वहीं मास्‍को ने मर्केल के जवाब में कहा कि जो नवनली के शरीर से मिला है उसमें कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि उसकी वजह से ही उनकी तबियत खराब हुई है।

कोलिनिस्ट्रीज इनहैबिटर्स’ के कारण नसें मांसपेशियों तक ठीक तरह संदेश नहीं भेज पाती हैं। इसकी वजह से शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं। ऐसा होने पर इंसान के लिए सांस लेना मुश्किल होता जाता है। हर बीतते सेकेंड के साथ व्‍यक्ति की हालत और खराब होती चली जाती है। आखिर में वो सांस न ले पाने की वजह से बेहोश हो जाता है। इसका असर दिमाग पर पड़ता है। दिमाग में खून के न पहुंचने की वजह से घुटन से या फिर दिल का दौरा पड़ने से व्‍यक्ति की कुछ देर बात मौत हो जाती है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ये जहर अलग अलग तरह से दिया तो जा सकता है लेकिन इसके साथ ही इसका असर भी अलग अलग ही होता है। जैसे यदि इसको खाने में मिला कर दिया जाए तो व्यक्ति सबसे पहले बेहोश हो जाता है और फिर बेहोशी में ही सांस ना आने से जान चली जाती है।

एएफपी की मानें तो नवलनी फिलहाल आईसीयू में कोमा में हैं। एजेंसी ने अस्पताल के हवाले से कहा है कि उनकी हालत गंभीर है लेकिन फिलहाल जान को खतरा नहीं है। खबर के मुताबिक इस तरह के जहर का इलाज करने के लिए मरीज को दवा दे कर कोमा में भेजा जाता है। ये एक बेहद पेचीदा तरीका है जिसमें मरीज को ठीक होने में काफी समय लग जाता है। लेकिन जितना ज्‍यादा वक्‍त इसमें लगता है उतनी ही मुश्किलें भी बढ़ती जाती हैं।