असहिष्णुता, अभिव्यक्ति की आजादी और फासीवाद, इस देश के वामपंथी मीडिया से लेकर उदारवादी गिरोह के बीच ये जुमले अक्सर लोकप्रिय विषय रहे हैं और वो भी सिर्फ भारत के संदर्भ में। इस बीच, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ध्वजवाहक होने का दावा करने वाले वामपंथी मीडिया संस्थान अक्सर दक्षिणपंथी सत्ता और हिन्दुओं पर असहिष्णुता बढ़ाने का भी आरोप लगाते आए हैं। ये और बात है कि इसी बहाने हिन्दुओं के खिलाफ जिसने भी, जब और जिस तरह से चाहा, उसी तरह से नफरत फैलाई गई।
कभी त्रिशूल और शिवलिंग पर कंडोम चढ़ाकर हिन्दू-घृणा को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर परोसा गया, तो कभी हिन्दुओं की आराध्य देवी दुर्गा को अपमानित किया जाता रहा। ऐसा सिर्फ खबरों में ही हिन्दू-घृणा परोसकर नहीं, बल्कि कार्टून और विषैले लेखों, यूट्यूब वीडियो से लेकर टीवी चैनल्स और फिल्मों के माध्यम से भी हिन्दू धर्म को निशाना बनाया जाता रहा। मगर कभी शायद ही इन बातों को लेकर किसी ने कोई आपत्ति व्यक्त की हो।
लेकिन इस बार इन्हीं वामपंथी संगठनों में से एक, प्रोपेगेंडा मशीन बीबीसी को मुस्लिम संगठनों ने निशाने पर लिया है। मजहबी संगठन राजा अकादमी की आपत्ति के बाद बीबीसी हिंदी ने अपने चैनल से एक ऐसे वीडियो को डिलीट कर दिया है, जिसमें बीबीसी द्वारा कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का चित्र दिखाया गया था। बीबीसी ने अपनी इस ‘भूल’ के लिए इस मजहबी संगठन से बाकायदा माफ़ी भी माँगी है। बीबीसी के इस वीडियो का शीर्षक था- “पाकिस्तान के इस कदम से अहमदिया मुस्लिमों में डर किसलिए है?”
लेकिन इसी बीबीसी ने हिन्दुओं की आस्था को एक नहीं बल्कि अनेकों बार निशाना बनाया है और इसके पीछे आधार ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ को बनाया गया। ऐसे ही कुछ उदाहरण, जब-जब बीबीसी ने अपने हिन्दू विरोधी अजेंडे को हवा देने का काम किया, नीचे दी गई तस्वीरों में देख सकते हैं –
बीबीसी ने एक ऐसे ‘कार्टून’ का समर्थन किया था, जिसमें श्रीराम से सीता को यह कहते दिखाया गया था कि वो इस बात से खुश हैं कि उन्हें रावण ने कैद किया था, ना कि रामभक्तों ने। इस कार्टून का मकसद ये साबित करना था कि रामभक्त बलात्कारी होते हैं।
‘जय श्री राम’ को बीबीसी ने बताया था ‘मर्डर क्राई’ –
मॉब लिंचिंग में बीबीसी और उसके ‘कार्टूनिस्ट्स’ का ‘जय श्री राम’ वाला नैरेटिव –
“BBC HINDI CARTOON: मंदिर बनता रहेगा, पहले ठेकेदार तो लड़ लें…” –
इन खबरों/कार्टून्स/वीडियो की ख़ास बात और हिन्दू धर्म की खूबसूरती यही है कि ये सभी आज भी बीबीसी की वेबसाइट पर मौजूद हैं।