लखनऊ/उन्नाव। उन्नाव में दलित परिवार की दो लड़कियों की संदिग्ध मौत के बारे में जांच कर रही पुलिस को एक अहम सुराग हाथ लगा है. पुलिस को पता चला कि घटना वाले दिन यानी बुधवार दोपहर घर से निकलते वक्त लड़कियों ने गांव की एक दुकान से चिप्स के पैकेट लिए थे और खाए भी थे. इस जानकारी के बाद पुलिस ने दुकान से बाकी बचे नमकीन के सारे पैकेट जब्त कर लिए हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा है.
इस मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. हत्या, आत्महत्या और हादसे के बीच उलझी इस गुत्थी में पुलिस यह भी समझने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार घटना के दिन हुआ क्या था?
इसके लिए फॉरेंसिक जांच से लेकर स्निफर डॉग तक लगाए गए हैं. मौका-ए-वारदात पर स्निफर डॉग के जरिए जांच करने में इस मामले का एक नया पहलू भी निकल कर सामने आया है.
खोजी कुत्तों की मदद से मिला सुराग
खोजी कुत्तों के जरिए पुलिस घटनास्थल के पास जांच कर रही थी तभी उसे पता चला कि कुत्ता घटनास्थल पर सूंघने के बाद बार-बार एक दुकान की तरफ दौड़ रहा है. जब पुलिस ने इस पर निगरानी की तो खोजी कुत्ता पास के ही एक घर में घुस गया. जानकारी करने पर पता चला कि यह घर साबिर नाम के एक दुकानदार का है जिसकी दुकान पर रोजमर्रा की छोटी-मोटी चीजों समेत खाने पीने का सामान मिलता है.
अनसुलझी जहर की मिस्ट्री
गांव के इस तरफ के हिस्से में यह अकेली ऐसी दुकान है जिसमें रोजमर्रा की खाने पीने की चीजें मिलती हैं. स्निफर डॉग की इस खोज के बाद पुलिस ने ज़ब्त किए गए नमकीन के सैंपल जांच के लिए भी भेजे हैं ताकि पता चल सके कि क्या उन पैकेट्स में कोई जहरीला तत्व तो नहीं था? क्योंकि अभी तक की जांच में यह तो साफ हुआ है कि मरने वाली दोनों लड़कियों के शरीर में जहरीला पदार्थ पाया गया है. लेकिन किसी भी तरीके की जोर-जबर्दस्ती या चोट के निशान नहीं मिले हैं.
अब सवाल उठता है कि आखिरकार यह जहरीला पदार्थ उनके शरीर में पहुंचा कैसे? क्या इन लड़कियों ने किसी वजह से खुद जहरीला पदार्थ खाया या किसी खाने के सामान में जहर होने की वजह से उनकी मौत हुई? ये भी संभावना है कि किसी ने धोखे से या जानबूझकर उन्हें कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया हो. तमाम ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस तलाश सही है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है.