जैसलमेर। भारत और इजराइल को डिफेंस सेक्टर में अपनी ताकत बढ़ाने में बड़ी कामयाबी मिली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) की पहली यूनिट को जैसलमेर में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘वायुसेना को MRSAM सौंपने के साथ, हमने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है. ये एयर डिफेंस सिस्टम गेम चेंजर साबित होगा.’
Today, the air defence missile (MRSAM) System was handed to Indian Air Force at an induction ceremony in Jaisalmer. The induction of MRSAM system will prove to be a game changer in strengthening India’s defence. https://t.co/wriBsjub8C pic.twitter.com/rbGYnFl1Bd
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 9, 2021
उन्होंने कहा, ‘आज ग्लोबल सिनेरियो काफी तेजी और अप्रत्याशित तरीके से बदल रहा है. इसमें, देशों के आपसी समीकरण भी अपने हितों के अनुसार तेजी से बदल रहे हैं. चाहे साउथ चाइना सी हो या इंडो-पैसिफिक हो या फिर मध्य एशिया हो, हर जगह अनिश्चितता की स्थिति देखी जा सकती है. बदलते जियो-पॉलिटिक्स का प्रभाव ट्रेड, इकोनॉमी, पावर पॉलिटिक्स और उसी एवज़ में सिक्योरिटी सिनेरियो पर भी देखा जा सकता है. ऐसी स्थिति में, हमारी सुरक्षा की मजबूती और आत्मनिर्भरता एक उपलब्धि न होकर एक जरूरत बन जाती है.’
उन्होंने कहा कि किसी भी चुनौती से निपटने के लिए देश के सुरक्षा ढांचे को लगातार मजबूत किया जा रहा है. एक मजबूत सेना की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा और समग्र विकास में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि भारत जल्द ही रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ डिफेंस सिस्टम का मैनुफैक्चरिंग हब भी बन जाएगा.
MRSAM सिस्टम के जरिए सामने से आ रहे किसी भी लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, यूएवी, सब सोनिक और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को तबाह किया जा सकता है. ये मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाले कई टारगेट को तबाह करने में सक्षम है. ये मिसाइल स्वदेशी तकनीक पर आधारित रॉकेट मोटर की मदद से संचालित होती है.
मिसाइल की फायरिंग यूनिट में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पॉवर सिस्टम (MPS), रडार पॉवर सिस्टम (RPS), रीलोडर व्हीकल (RV) और फील्ड सर्विस व्हीकल (FSV) शामिल है.
इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि ये सिस्टम वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा. वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी MRSAM सिस्टम तैयार करने वाली टीम को बधाई दी.