नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नए कृषि कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरने पर बैठे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत जगह-जगह घूमकर किसानों की महापंचायतें कर रहे हैं. किसान नेता सरकार पर बात न सुनने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, अब सरकार भी फिर से बातचीत के मूड में आती दिख रही है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने साथ ही ये भी कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की ओर से उठाए जाने वाले किसी भी मसले पर चर्चा के लिए तैयार है. गौरतलब है कि किसानों को दिल्ली की सीमा पर धरना देते 300 दिन से अधिक हो चुके हैं. किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच 10 दौर की बातचीत भी हुई थी जो बेनतीजा रही थी. जनवरी महीने में किसानों और सरकार के बीच अंतिम दफे बातचीत हुई थी.
किसानों की ओर से 26 जनवरी के दिन दिल्ली में आहूत ट्रैक्टर परेड के दिन भड़की हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया और बातचीत का सिलसिला थम गया. अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बाद किसानों और सरकार के बीच जमी बर्फ पिघलने और बातचीत फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी है.