नई दिल्ली। पंजाब का राजनीतिक घमासान अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu resign) ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफे में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा कि वह पंजाब के भविष्य के साथ समझौता नहीं करना चाहते. सिद्धू ने इस्तीफे की असल वजहों को पत्र में तो नहीं लिखा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ उनकी बन नहीं रही थी और उनके कुछ फैसलों से भी सिद्धू खुश नहीं थे.
सोनिया को भेजे इस्तीफे में नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu resign letter) ने लिखा, ‘समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है. मैं पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता. इसलिए मैं प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देता हूं और आगे कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा.’
सिद्धू के नाराजगी के क्या है कारण
1. कैबिनेट में जिस तरह पोर्टफोलिया बांटा गया, उससे नवजोत सिंह सिद्धू खुश नहीं थे.
2. नई कैबिनेट में सुखविंदर सिंह रंधावा को गृह मंत्री बनाया गया है, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथी इसका विरोध करते रहे.
3. अमृतसर सुधार ट्रस्ट का लेटर चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा दिया गया. जबकि सिद्धू इसे सौंपना चाहते थे.
4. कुछ अफसरों के ट्रांसफर से भी सिद्धू खुश नहीं थे.
सिद्धू के इस्तीफे के पीछे हो सकती हैं ये वजहें
एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू किसी एक नाम पर सहमत नहीं हो पा रहे थे. सिद्धू चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुलदीप सिंह के बेटे डीएस पटवालिया को इस पद पर नियुक्त किया जाए और ऐसा लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन सीएम चन्नी के अड़ने के बाद बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष अनमोल रतन सिद्धू का नाम चल पड़ा. हालांकि, हाईकमान की दखल के बाद अमरप्रीत सिंह देयोल को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था.
एडवोकेट जनरल की नियुक्ति मामले में चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार सवालों में घिर गई है. चन्नी सरकार ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद हुए कोटकपूरा गोलीकांड मामले में आरोपियों के वकील अमरप्रीत सिंह देयोल को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था, जिसे लेकर सिद्धू नाराज थे. हालांकि, देयोल ने सफाई देते हुए कहा था कि उनका बेअदबी मामलों से कोई लेना-देना नहीं है. वह केवल लॉ एंड आर्डर से संबंधित कोटकपूरा गोलीकांड में एक पुलिस अधिकारी के वकील रहे हैं, जो अब निपट चुका है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के पद को लेकर दोनों में ठनी थी. सिद्धू एस चट्टोपाध्याय को इस पद पर लाना चाहते थे तो मुख्यमंत्री चन्नी वरिष्ठ आईपीएस इकबालप्रीत सिंह सहोता को बनाने पर जोर दे रहे थे. आखिर इस मामले में भी चन्नी की चली और डीजीपी दिनकर गुप्ता जगह इकबाल प्रीत सिंह सहोता डीजीपी बने.
इसी महीने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू संग चले लंबे विवाद के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया था. हाल ही में पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को राज्य मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया. इसमें 15 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसमें सात नए चेहरे हैं.
इन बातों से भी खफा थे सिद्धू?
सिद्धू के इस्तीफे को लेकर सिद्धू खेमे से दबी आवाजों में कुछ बातें कही जा रहीं है. सिद्धू खेमे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू एजी एपीएस देओल की नियुक्ति से खुश नहीं थे. साथ ही राणा रणजीत सिंह के शामिल होने से भी सिद्धू नाराज थे. इन सबके अलावा एक वजह ये भी सामने आ रही है कि सिद्धू का जो 18 सूत्रीय एजेंडा है, उसे सीएम चन्नी पार्टी आलाकमान और कैबिनेट के सामने नहीं रख रहे थे. बताया ये भी जा रहा है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग मिलने से भी सिद्धू नाराज थे.