यूपी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अल्ट न्यूज के फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की याचिका का विरोध किया है, यूपी सरकार ने आज अपनी दलील में कहा कि आरोपित पत्रकार नहीं है, वो खुद को फैक्ट चेकर कहते हैं, फैक्ट चेकिंग के बारे में ट्वीट वायरल नहीं होते, इनके ट्वीट जहर फैला रहे हैं। उन्हें इन ट्वीट्स के लिये पैसे मिलते हैं, सरकार ने कहा कि जुबैर को हर महीने 12 लाख रुपये मिलते हैं, और ट्वीट के लिये खुद जुबैर ने माना कि उन्हें 2 करोड़ रुपये मिले, कोर्ट में कहा गया कि यूपी पुलिस को सूचित करने के बजाय वो उन वीडियो और भाषणों का लाभ उठाते हैं, जो सांप्रदायिक विभाजन पैदा कर सकते हैं।
यूपी सरकार ने कहा कि गाजियाबाद की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था, लेकिन उसने अपने ट्वीट्स में ऐसे शब्द जोड़े जो भावनाओं को भड़काते हैं, ये एक स्थानीय मुद्दा है, लेकिन वो अपने ट्वीट्स में पूरे देश के बारे में बात करना शुरु कर देते हैं, उन्होने ट्वीट किया जिससे बाद में स्थिति खराब हो गई, जुबैर ने स्वीकारा कि ये कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं था।
सरकार ने कोर्ट में कहा कि वो बहुत चालाक है, उन्होने एक दस साल की बच्ची के बारे में भी ट्वीट किया, मामले में उनके खिलाफ पॉस्को एफआईआर दर्ज हुई, खैराबाद मामले में किसी के आपत्तिजनक बयान को लेकर एक और ट्वीट किया, पुलिस को सूचना देने के बजाय ट्वीट पोस्ट कर वायरल कर दिया, स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई, कि मौके पर भारी पुलिस बल की जरुरत पड़ी।
योगी सरकार की ओर से कोर्ट में गरिमा प्रसाद ने कहा कि अब तक कई बार इनके पोस्ट पढ या देखकर ही हिंसा को बढावा मिला है, गाजियाबाद और लोनी में ऐसी कई घटनाएं इस दावे की पुष्टि भी करती है, एक बुजुर्ग आदमी की पिटाई के वीडियो को इसने किस तरह से सपोर्ट किया है, उसे कोर्ट खुद ही देख लें, मैं उसे कोर्ट के सामने पढना नहीं चाहती, वकील ने ये भी कहा कि इस मामले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है, क्योंकि स्थानीय पुलिस सारे मुद्दों को नहीं देख सकती। सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि जुबैर के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है, यूपी सरकार का एकमात्र इरादा शांति और सद्भाव बनाये रखना है, यूपी एक निश्चित जनसांख्यिकी वाला प्रदेश है, जहां ये सुनिश्चित करना होगा, कि सांप्रदायिक सौहार्द्र बना रहे, लोगों को इस तरह नफरत को बढावा नहीं देना चाहिये। पुलिस को सूचित करना चाहिये, उनके ट्विटर फॉलोवर्स 2 लाख से अचानक बढकर 7 लाख से ज्यादा हो गये, इस तरह वो अपना प्रभाव बढा रहे हैं, उन्हें सिर्फ उन्हीं जगहों पर ले जाया जाएगा, जहां उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं। उन्होने एक टीवी डिबेट शो का वीडियो ट्वीट कर कहा कि ये बजरंग मुनि के बारे में है, तब भी जब इसका बजरंग मुनि से कोई लेना-देना नहीं था।