शनिवार को इंग्लैंड क्रिकेट के महान दिग्गज सर इयान बॉथम का जन्मदिन है. बॉथम को इंग्लैंड का सर्वकालिक महान ऑलराउंडर माना जाता है. बॉथम के नाम आज भी सबसे तेजी से 1000 रन और 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड है. बॉथम का इंग्लैंड क्रिकेट में वही स्थान है जो भारत में कपिलदेव का माना जाता है. बॉथम ने 1976 में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया था और 1992 को अपने करियर का अंतिम मैच खेला था. इस दौरान वे निर्विवाद रूप से इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर रहे.
बॉथम एक क्रिकेटर ही नहीं थे इसके अलावा वे एक बेहतरीन फुटबॉलर भी रह चुके हैं. उन्होंने इंग्लिश फुटबॉल लीग में 11 बार शिरकत की. साल 1955 में 24 नवंबर को वे यूके के हेसवॉल में जन्में इयान बॉथम को उनके डील डौल की वजह से चंकी और गाय ऑफ गोरिल्ला नाम भी मिले थे. जिन दिनों टेस्ट क्रिकेट की धूम थी और वनडे क्रिकेट शुरू हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था, इयान ने अपना इंटरनेशनल करियर पहले वनडे से 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू किया जबकि उसके अगले साल वे टेस्ट क्रिकेट में आए और नॉटिंघम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहले टेस्ट मैच खेला.
बॉथम का रिकॉर्ड
इयान के शानदार रिकॉर्ड रहा है. अपने 102 टेस्ट मैचों की 161 पारियों में बॉथम ने 6 बार नाबाद रहकर 14 शतकों के साथ 33.54 के औसत के कुल 5200 रन बनाए, वहीं गेंदबाजी में 168 पारियों में 28.04 के औसत के कुल 383 विकेट भी लिए. वनडे में भी बॉथाम का रिकॉर्ड शानदार रहा. 116 वनडे में 23.21 के औसत और 79.10 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने 2113 रन बनाए और 3.96 की इकोनॉमी और 28.54 के औसत से 145 विकेट लिए.
महान ऑलराउंडर
दुनिया में जब भी महान ऑलराउंडर की बात आती है तो गिनती में जो पहले तीन नाम आते हैं, उनमें एक नाम इयान बॉथम का ही है. उन्होंने क्रिकेट में अपने नाम इतने कारनामे कर रखे हैं, कि लोग आज भी जब इंग्लैंड में कोई ऑलराउंडर आता है तो उसकी तुलना इयान बॉथम से ही होती है, जिस तरह भारत में किसी भी ऑलराउंडर की तुलना कपिल देव से होती है. 2007 में उनके क्रिकेट में शानदार योगदान के लिए उन्हें सर की उपाधि से सम्मानित किया गया.
कुछ खास रिकॉर्ड ये भी
अपने पहले 11 टेस्ट मैचों में 8 बार पारी में पांच विकेट लिए थे और तीन शतक लगाए थे. उन्होंने 19 टेस्ट में 100 विकेट और 41 टेस्ट में 200 विकेट लिए थे. 1980 में भारत के खिलाफ एक टेस्ट मैच में उन्होंने पहली पारी में शतक लगाया और 6 विकेट लेकर अगली पारी में उन्होंने 7 विकेट और लिए. इस तरह इयान एक ही टेस्ट में शतक लगाने और 10 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी बने. इस रिकॉर्ड को अब तक सिर्फ पाकिस्तान के इमरान ख़ान और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन ही छू पाए हैं. बॉथम ने 1981 की एशेज सीरीज के बीच में कप्तानी छोड़ दी थी जिसके बाद अगले ही टेस्ट में वे फॉर्म में वापस आ गए थे. उन्होंने सीरीज़ पूरा रुख बदलकर रख दिया जिसकी वजह से उस टेस्ट को बॉथम टेस्ट और सीरीज को बॉथम एशेज कहा जाता है
एक बार बैन भी लग चुका है बॉथम पर
कामयाबी के साथ-साथ विवादों से भी इयान का खासा नाता रहा. वे सिगरेट पीने के बहुत शौकीन रहे थे. एक बार उन पर सिगरेट के माध्यम से कैनाबिस नाम का प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन का आरोप लगया गया था, जिसे उन्होंने दो साल बाद स्वीकार भी किया था. इस आरोप के चलते उन पर दो महीनों का क्रिकेट बैन भी लगाया गया था.
102 टेस्ट मैचों में एक भी नोबॉल नहीं
इयान बॉथम को एक बात के लिए खास तौर पर जाना जाता है जो कि आज के गेंदबाजों के लिए कल्पना करना भी मुश्किल है. वह यह कि उन्होंने अपने टेस्ट करियर में एक भी नो बॉल नहीं फेंकी. वैसे इयान बॉथम के अलावा टेस्ट क्रिकेट में इमरान खान, ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली, बॉब विलिस, और वेस्ट इंडीज के लांस गिब्स ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपने टेस्ट करियर में नो बॉल नहीं फेंकी. लेकिन इन सभी के नाम ये कारनामा 100 से कम टेस्ट खेलकर करने का है. इसके साथ उनकी लाइन और लेंथ की सटीकता की विरोधी टीमें भी कायल थीं.
उन्होंने चैरिटी वॉक से 1.2 करोड़ जुटाए ताकि लुकेमिया की रिसर्च में आगे काम हो सके. वे चैरिटि के लिए पद यात्रा करते हैं. अब तक उन्होंने 12 लंबी पदयात्राएं की हैं. क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वे कई सालों तक कॉमेंटेटर रहे. उनके ऊपर कई किताबें भी लिखी गई हैं और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं.