पूर्व पाकिस्तानी कप्तान और स्टार ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज ने कहा है कि लोग विश्व क्रिकेट में पैसा बनाने की ताकत के कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बढ़ते प्रभाव की आलोचना करने को तैयार नहीं हैं. उनके अनुसार, बीसीसीआई अपनी समृद्ध स्थिति के कारण निर्णय लेने को प्रभावित करता है और लोग इसके खिलाफ बोलने में रुचि नहीं रखते हैं. हफीज से पहले एडम गिलक्रिस्ट और अरविंद डीसिल्वा जैसे दिग्गजों ने भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एकाधिकार पर आपत्ति जताई थी और संकेत दिया कि इसका बढ़ता प्रभाव थोड़ा खतरनाक होता जा रहा है.
मोहम्मद हफीज ने क्रिकेट पाकिस्तान को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो क्रिकेट एक खूबसूरत खेल है और इसे खेलने वाले देश वास्तव में इस खेल में अच्छे हैं. उनके पास एक ऐसा स्वभाव है, जो प्रशंसकों का मनोरंजन करता है. लेकिन जब भारत की बात आती है, तो हर कोई जानता है कि कई बार लोग यह सोचकर चुप रहते हैं कि वे भारत की आलोचना नहीं कर सकते.”
उन्होंने आगे कहा कि अगर आलोचना सकारात्मक है तो आलोचना करने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा, ”मैं हमेशा पक्षपातपूर्ण राय और व्यक्तिगत होने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी मंच के खिलाफ रहा हूं, लेकिन रचनात्मक आलोचना ठीक होनी चाहिए. कई बार लोग सोचते हैं कि उन्हें किसी सलाह की जरूरत नहीं है, लेकिन यह सही रवैया नहीं है.”
हफीज ने दावा किया कि बीसीसीआई की प्रशंसा की जाती है, क्योंकि वह खेल में पैसा लाता है.उन्होंने भारतीय बोर्ड को विश्व क्रिकेट का ‘लाडला’ करार दिया. उन्होंने कहा, ”इसमें कोई शक नहीं है कि भारत के खिलाड़ी बड़े प्रोडक्ट्स हैं. वे जहां भी जाते हैं, उनके नाम का महत्व बढ़ जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल वे ही अच्छा कर रहे हैं. कई अन्य खिलाड़ी आपको प्रेरित करते हैं और अपने खेल के साथ आपको रोमांचक पल देते हैं. इसलिए मैंने कहा था कि उनके साथ ‘लाडला’ जैसा व्यवहार किया जाता है. और मैं अपने बयान पर कायम हूं.”