नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव और गांधी परिवार, इस मुद्दे पर चर्चाएं जारी हैं। भले ही गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है, लेकिन सोनिया, राहुल और प्रियंका भी कुछ हद तक तस्वीर में बने हुए हैं। अब खबर है कि राजस्थान कांग्रेस में खड़े हुए सियासी संकट में प्रियंका भी शामिल रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वह चुनाव प्रक्रिया में भी खासी दिलचस्पी ले रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन में बदलाव की इच्छा रखने वाले चुनाव में प्रियंका गांधी की भूमिका का जिक्र कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रियंका यह सुनिश्चित करने में लगी हुई हैं कि अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार मिल सके। हालांकि, राजस्थान कांग्रेस में उठे संकट के चलते उम्मीदवार खोजने की प्रक्रिया में मुश्किलें नजर आने लगी थी। क्योंकि उस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही उम्मीदवार माना जा रहा था।
क्या प्रियंका ने भड़काई राजस्थान कांग्रेस में आग?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने दावा किया है कि राजस्थान में प्रियंका की सक्रियता के बाद संकट खड़ा हो गया था। कहा जा रहा है कि प्रियंका राज्य में मुख्यमंत्री पद पर सचिन पायलट को स्थापित करना चाह रही थीं। युवा नेता को प्रियंका का करीबी माना जाता है। साल 2020 में जब गहलोत सरकार में बगालत हुई थी, तो प्रियंका ने ही दखल देकर संकट खत्म किया था।
प्रियंका के चुनाव लड़ने की अटकलें
खबरें हैं कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को प्रियंका के आवास पर पहुंची थीं, जहां दोनों के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। इसके बाद से उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, क्योंकि खबरें ये भी हैं कि राजनीतिक हलकों में प्रियंका पर चुनाव लड़ने से जुड़ा दबाव है।
राजस्थान में क्या हुआ था?
रविवार को राजस्थान में गहलोत समर्थक कहे जा रहे करीब 90 विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। कहा जा रहा है कि ये विधायक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने की स्थिति में पायलट के सीएम बनने की संभावनाओं का विरोध कर रहे थे। ऐसे में विधायक दल से मिलने के लिए जयपुर पहुंचे पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे बगैर मीटिंग के ही दिल्ली लौट आए थे। खबरें थी कि इसके चलते गांधी परिवार ने काफी अपमानित महसूस किया था।