बंबई हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी की उस उस याचिका का निराकरण कर दिया जिसमें मांग की गई थी कि कोमा में चल रही बेटी पायल का उन्हें और उनके पति को कर्ताधर्ता बनाया जाए. पायल के पति डिकी सिन्हा ने जस्टिस बी पी धर्माधिकारी और सारंग कोतवाल की बेंच के समक्ष एक हलफनामा दाखिल कर कहा कि उनका परिवार चटर्जी को उनकी बेटी से मिलने या उसकी देखभाल करने से नहीं रोकेगा. इसके बाद अदालत ने एक्ट्रेस की याचिका का डिस्पोज ऑफ कर दिया.
रोटी कपड़ा और मकान, मंजिल और पीकू जैसी हिट फिल्मों की एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी और उनके पति जयंत मुखर्जी ने इस हफ्ते के शुरू में अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उन्हें बेटी का संरक्षक नियुक्त किया जाए और उसकी देखभाल करने की इजाजत दी जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के कोमा में रहने के दौरान सिन्हा उन्हें बेटी को देखने से भी रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि पायल बचपन से ही डायबटीज की मरीज हैं.
8 साल पहले हुई थी शादी
याचिका में कहा गया कि पायल की शादी 2010 में कारोबारी डिकी सिन्हा से हुई थी. वह अप्रैल 2017 से ही कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुकी हैं बाद में उनकी सेहत और बिगड़ गई और फिलहाल वह कोमा में हैं.
ससुराल में बेटी परेशान है
इसमें कहा गया कि उन्हें 28 अप्रैल 2018 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और घर पर ही देखभाल की जा रही है. डॉक्टरों ने उन्हें फीजियोथेरेपी कराने को कहा था. याचिका में कहा गया कि पिछले कुछ महीनों में फिजियोथेरेपी नहीं हो रही थी.
बता दें कि मौसमी हाल ही में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और इरफान खान की फिल्म ‘पीकू’ में दीपिका की मौसी के किरदार में नजर आ चुकी हैं.