अयोध्या। आशीर्वाद उत्सव के लिए शनिवार को अयोध्या पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज (25 नवंबर) भगवान राम के जन्मस्थान जाकर रामलला के दर्शन किए. उनके साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे. दर्शन करनेे के बाद वह होटल लौट चुके हैं. उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर था, है और रहेगा, लेकिन दिख नहीं रहा है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए. राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए.
उन्होंने कहा ‘बार-बार कहा जाता है कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन कब बनाएंगे. हिंदुत्व ना मार खाएगा और ना ही चुप रहेगा.’ उन्होंने कहा कि हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं होने देंगे. दुख हुआ कि मैंने रामलला के दर्शन किए या जेल के. शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अयोध्या मे संतों से मुलाकात की थी. उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर के लिए चांदी की ईंट भेंट की थी.
उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ शनिवार को अयोध्या पहुंचे थे. उन्होंने शाम को सरयू नदी किनारे आरती की. उनके साथ उनकी पत्नी और बेटे मौजूद थे. इससे पहले उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित किया था. उद्धव ठाकरे ने मराठी शब्दों से अपने भाषण की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा था कि मैं यहां सिर्फ भगवान राम के दर्शन करने आया हूं. अब मैं यहां बार-बार आऊंगा. इस देश का हर हिंदू चाहता है कि जहां भगवान राम का जन्मस्थल है, वहां मंदिर बनना चाहिए.
आगे उन्होंने कहा कि याद उसे किया जाता है जिसे हम भूलते हैं. राम लला को हम कभी नहीं भूल सकते. हिंदुत्व हमारे खून में है. हमें आज मंदिर बनने की तारीख चाहिए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अयोध्या राजनीति करने नहीं आया हूं. अब इस मामले में हिंदू चुप नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया, उसी तरह राम मंदिर बनाने का भी फैसला लिया जाना चाहिए.
शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘हमें आज मंदिर बनाने की तारीख चाहिए. पहले मंदिर कब बनाओगे वह बताओ, बाकी बातें तो बाद में होती रहेंगी. आज मुझे तारीख चाहिए.’
बता दें शिवसेना ने शनिवार को यहां ‘आशीर्वाद उत्सव’ का आयोजन किया था. विहिप रविवार को धर्मसभा का आयोजन कर रही है. इसके लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंच गए हैं. अयोध्या हवाई पट्टी पर उनका शिवसैनिकों ने जोरदार स्वागत किया. पूरी हवाई पट्टी को फूलों से सजाया गया था. वह परिवार संग लक्ष्मण किला पहुंचे. वहां उन्होंने साधु-संतों से मुलाकात की.