संजय पूरबिया नाम के पत्रकार को क्यों लिखा ब्लैकमेलर ?
ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदुस्तान की मीडिया जगत के लिए ये पहले मौका होगा जब किसी माननीय संसद सदस्य द्वारा पत्रकार को सहकारिता विभाग में कार्यरत प्राइवेट ठेकेदारी की फर्म वीना ट्रेडर्स के संबंध में ।खबरे न प्रकाशित किए जाने हेतु चेतावनी स्वरूप पत्र लिखकर शासकीय जांच की मांग की गई हो ।
उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में कार्यरत वीना ट्रेडर्स नाम की ठेकेदार फर्म की खबरों को लेकर है कुछ ख़ास नाराज़गी जिसको लेकर माननीय सांसद जी द्वारा अक्सर जारी किया जाता है पत्र। माननीय संसद सदस्य के दोनों पत्रों में इतनी समानता है कि लगता है जैसे वीना ट्रेडर्स नाम की फर्म से संबंधित पत्र पहले से मौजूद रहते है, खबर प्रकाशित हुई नही की सांसद जी का शिकायती पत्र उस पत्रकार को ब्लैकमेलर लिख कर शासकीय जांच की मांग करता हुआ दिखाई देता है।
माननीय सांसद जी से अनुरोध है कि खबरनवीसों की जांच के साथ साथ फर्जी अभिलेखों को लगाकर जिस वीना ट्रेडर्स द्वारा राज्य भंडारण निगम में कार्य किया जा रहा है, उसके संबंध में शिकायती पत्र लिखकर जांच की मांग कीजिये, देश और प्रदेश की जनता में आपका वैसा ही बहुत गुणगान है इस वीना ट्रेडर्स नाम की फार्म की जांच आपके माध्यम से हुई तो अनेक खुलासे सामने आएंगे और आपका मान सम्मान भी बढ़ जाएगा।
अभी हाल ही में वीना ट्रेडर्स के नाम उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम द्वारा धारा 379 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है यह पहला मौका नहीं है जो बिना ट्रेडर्स का नाम किसी घोटाले या काली सूची में सामने आया हो ल, पहले भी मौके आते रहे हैं लेकिन वीना ट्रेडर्स के बारे में जब भी कोई समाचार प्रकाशन किया जाता है या प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की बात आती है तो अपनी उच्ची पहुंच से सारे मामले को दबाने में कामयाब हो जाता है और जब कोई खबर लिखता है तो उस पत्रकार को ब्लैकमेलर लिख कर शिकायती पत्रों के माध्यम से या अन्य माध्यम से खामोश करा दिया जाता है। जो पत्रकार न तो शिकायती पत्रों से डरता है और ना ही किसी अन्य माध्यम से मैनेज होता है उसको तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर येन केन प्रकारेण दबाव बनाने की कोशिश की जाती है परंतु इतिहास गवाह है अपने को सर्व शक्तिशाली समझने वाला अहंकारी रावण का भी अंत इसी धरती पर हुआ था तो वीना ट्रेडर्स और जाली मार्कशीट पर कार्यरत सुभाष चन्द्र पांडे जैसे ऐसे भ्रष्टाचारियों के अंत के लिए भी कोई ना कोई कलमकार होगा, जिसकी कलम न बिकेगी न टूटेगी और इन भ्रष्टाचारियों के सामने डट कर मुकाबला करेगी।
माननीय सांसद जी आप का गौरवशाली इतिहास रहा है पूरे देश की जनता आपके इतिहास को याद करके लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में देख कर गौरवान्वित होती है और शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह से आप द्वारा कार्य किया जा रहा है उसको देखकर हम सब मीडिया जगत के लोग भी प्रसन्न चित्त होते है, फिर मीडिया को ब्लॉकमैलेर कहने का सिलसिला क्यों जारी है, ये एक बड़ा प्रश्न है जिस पर मीडिया क्षेत्र के सभी संघठनो को सवाल उठाना होगा वरना वर्ष 2021 में संजय पूरबिया नाम के पत्रकार को जिस भाषाशैली, शब्दावली में ब्लैकमेलर बताया उसी भाषाशैली में वर्ष 2022 में किसी अन्य पत्रकार को ब्लैकमेलर बताया और हो सकता है अब हमारी बारी है और कल आपकी बारी आएगी।