नई दिल्ली। वो दोनों मुम्बई में एक मल्टीनेशन कम्पनी के कॉल सेंटर में काम करते थे. दोनों पहली बार वहीं मिले थे. पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर ये दोस्ती कब मोहब्बत में बदल गई, पता ही नहीं चला. वो दोनों एक दूसरे बेहद चाहते थे. दोनों ने साथ-साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया. मगर दोनों के घरावाले इस रिश्ते के खिलाफ थे.
8 नवंबर 2022
महाराष्ट्र के पालघर जिले में रहने वाले 59 वर्षीय विकास मदान वाकर दिल्ली के महरौली थाने पहुंचे और वहां अपनी बेटी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई. उनका इल्जाम था कि आफताब अमीन पूनावाला नामक एक लड़के ने उनकी लड़की को अगवा किया है. वो शादी का झांसा देकर उनकी बेटी श्रद्धा वाकर को अगवा कर मुम्बई से दिल्ली लेकर आया था. वो दोनों मुंबई में एक मल्टीनेशन कंपनी के कॉल सेंटर में साथ काम करते थे.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. मामले की तहकीकात शुरू की गई. पुलिस ने आरोपी लड़के का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया. पुलिस को आरोपी लड़की की लोकेशन पता चल गई. इसके बाद पुलिस ने घटना के करीब 6 महीने बाद इस मामले का खुलासा कर दिया और आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.
18 मई को किया था मर्डर
पकड़े जाने के बाद आरोपी पूनावाला ने जो कहानी पुलिस को सामने बयां कि वो बेहद चौंकाने वाली है. दरअसल, वो लड़का अपनी माशूका श्रद्धा वाकर का कत्ल कर चुका था. उसने ना केवल उसका मर्डर किया बल्कि उसकी लाश को भी कुछ तरीके से ठिकाने लगाया कि पुलिस भी हैरान रह गई. उस शातिर लड़के ने कानून से बचने के लिए अपनी मोहब्बत यानी श्रद्धा की लाश की कई टुकड़े कर दिए थे.
इसके बाद वो कई दिनों तक उन टुकड़ों को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंकता रहा. इस तरह उसने अपनी महबूबा के जिस्म को टुकड़ों में काटकर ठिकाने लगाया. वो इस वारदात को अंजाम देकर आराम से रह रहा था. उस अंदाजा नहीं था कि कानून का शिकंजा उस पर कसने वाला है.
दरअसल, वाकर परिवार महाराष्ट्र के पालघर में रहता है. उनकी 26 वर्षीय बेटी श्रद्धा वाकर मुम्बई के मलाड इलाके में मौजूद एक मल्टीनेशन कम्पनी के कॉल सेंटर में काम करती थी. यहीं पर श्रद्धा की मुलाकात आफताब अमीन पूनावाला से हुई थी. जल्द ही दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया.
घरवालों ने जुटाई थी जानकारी
श्रद्धा के पिता विकास मदान वाकर ने बताया कि विरोध करने पर बेटी और आफताब ने अचानक मुम्बई को छोड़ दिया. बाद में पता चला कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रहते हैं. उन्होंने बताया कि किसी न किसी माध्यम से बेटी की जानकारी मिलती रहती थी.
लेकिन मई महीने के बाद से उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था. उसके फोन नंबर पर भी सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नहीं मिला. फिर अनहोनी की आशंका होने पर वह आठ नवंबर को सीधे छतरपुर स्थित फ्लैट में गए जहां बेटी किराये पर रहती थी. वहां पर ताला बंद होने के बाद विकास ने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई.
सर्विलांस की मदद से पकड़ा गया कातिल
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस से शनिवार को आफताब को ढूंढ निकाला. आफताब ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया की दोनों के बीच शादी को लेकर अक्सर झगड़े होते थे. श्रद्धा उस पर शादी का दबाव बनाती थी. इसलिए उसने 18 मई को श्रद्धा की धारदार हथियार से हत्या कर डाली.
ऐसे लगाया था लाश को ठिकाने
पूनावाला ने लड़की की लाश को ठिकाने लगाने के लिए खौफनाक तरकीब निकाली. उसने लाश को कई टुकड़ो में काट दिया. फिर उन टुकड़ों को वो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंकता रहा. पुलिस ने आरोपी आफताब से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर कुछ इंसानी हड्डियां जंगल से बरामद की हैं.
पुलिस के मुताबिक आरोपी आफताब एक 300 लीटर का फ्रिज खरीद कर लाया था, उसने लाश के तमाम टुकड़े उसमें रख दिए थे. वो रोज रात को 2 बजे फ्लैट से निकलता था और एक लाश का टुकड़ा जंगल में फेंक आता था. पुलिस की मानें तो उसने तकरीबन 18 दिन तक ऐसे ही लाश टुकड़े फेंके थे.
फिलहाल, आरोपी अभी दिल्ली पुलिस कस्टडी में मौजूद है. सोमवार को पुलिस आरोपी को लेकर लाश के टुकड़े तलाश करने के लिए निकल पड़ी. पुलिस उसकी निशानदेही पर लाश का हर टुकड़ा बरामद कर लेना चाहती है. अभी तक पुलिस को केवल कुछ हड्डिय़ां हाथ लगी हैं. जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है.