नई दिल्ली। चीन कोरोना की अब तक की सबसे बड़ी लहर का सामना कर रहा है. वहां अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह नहीं बची, कब्रिस्तान के बाहर कारों की लंबी कतारें लग गई हैं. ऐसे माहौल ने लोगों को डरा दिया है. आलम यह हो गया है कि लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं.
लाओस, वियतनाम, म्यांमार से सटे इलाकों में अलर्ट
2020 में चीन ने अपने बढ़ते COVID मामलों को खत्म करने की आड़ में अपनी दक्षिणी सीमा के पास एक इलेक्ट्रिफाइड फेंस बाड़ का निर्माण शुरू कर दिया है. यह इलाका लाओस, वियतनाम और म्यांमार से सटा हुआ है. चीन कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने पहले इसे एक अस्थायी फेंसिंग बताया था लेकिन अब यहां के सुरक्षा ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिल रहा है.
युन्नान प्रांत में 3000 मील तक कर दी फेंसिंग
युन्नान प्रांत को कवर करने वाले चीन कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) द्वारा गठित सीमा महामारी रोकथाम और नियंत्रण विभाग हाल में बनाई गई फेंस के पास सुरक्षा को दुरुस्त करने में सबसे आगे रहा है. जिस तरह से बर्लिन ने सीमा पर दीवार खड़ी कर ली है, उसी तरह चीन ने भी बिना औपचारिक सलाह-मश्विरा के 3,000 मील तक बाड़ बना दी है.
2021 में एक वियतनामी ट्रैवल ब्लॉगर ने YouTube पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिससे साफ पता चल रहा है कि चीन-वियतनाम बॉडर के इालाके को बाड़ से कवर कर रखा है. इसके अलावा वहां चीन ने एक निगरानी चौकी भी बना दी है. इसके अलावा वहां सर्वेलांस कैमर और सौर पैनलों को भी लगा रखा है.
सुरंग खोदने से रोकने के लिए जमीन के अंदर भी फेंसिंग
वहीं चीन ने दक्षिण में सीमाई इलाके के आसपास पिछले कई वर्षों में कई सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर बना दिए गए हैं. इस संरचनाओं में सीमा के आर-पास सुरंग खोदने से रोकने के लिए रेजर तार वाले इलेक्ट्रिफाइल फेंस जमीनी भीतर भी लगा दिए हैं. इतना ही नहीं, यहां सर्विलांस कैमरे, मोशन सेंसर और अलार्म, सर्चलाइट और बांस बैरिकेड्स भी लगा दिए गए हैं.
वहीं चीन ने सीमा पार करने वालों को पकड़ने के लिए हजारों बॉर्डर पेट्रोल एजेंटों को तैनात कर दिया है. वह सीमा पार कर भागने वालों को पकड़कर उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करते हैं.