काठमांडु। बिकिनी किलर के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज को बीते दिन ही नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन आज सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन ने चार्ल्स शोभराज को रिहा करने से इंकार कर दिया है. इसके अलावा शोभराज के वकीलों को भी मिलने नहीं दिया गया है.
नेपाल SC ने कल ही दिया था ये आदेश
बीते दिन ही नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उसे उम्र पूरी कर लेने की वजह से रिहा करने का फैसला सुनाया था. नेपाल सुप्रीम कोर्ट के जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया था. दरअसल शोभराज ने जेल से रिहा होने के लिए याचिका दायर की थी. उसका कहना था कि वह निर्धारित समय से ज्यादा समय तक जेल में बंद है इसलिए उसे रिहा कर दिया जाए. नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अर्जी स्वीकार कर ली थी और इसी आधार पर चार्ल्स शोभराज को जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया गया.
नेपाल भेजने की भी पूरी हो चुकी थी तैयारी
कोर्ट ने तो यह भी आदेश दिया कि शोभराज को रिहा करने के बाद उसे 15 दिनों के भीतर डिपोर्ट भी कर दिया जाए. यानी उसे 15 दिनों में नेपाल से फ्रांस भेजा जाएगा. कोर्ट के आदेश के बाद इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने शोभराज की वीजा अवधि बढ़ाने और उसे फ्रांस वापस भेजने की तैयारी भी शुरू कर दी. विभाग से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि शोभराज का जेल सर्टिफिकेट मिलने और कोर्ट से उसके डिपोर्ट के फैसले की लिखित जानकारी मिलने के साथ सबसे पहले उसकी वीजा अवधि बढ़ाई जाएगी. शोभराज की 15 दिनों के लिए वीजा की समयावधि बढ़ाकर उसे नेपाल से फ्रांस के लिए डिपोर्ट कर दिया जाएगा.
कौन है चार्ल्स शोभराज?
चार्ल्स शोभराज का जन्म 6 अप्रैल 1944 को वियतनाम के साइगॉन में हुआ था. उसकी मां वियतनामी थी, जबकि पिता भारतीय थे. उसके जन्म के वक्त वियतनाम पर फ्रांस का कब्जा था. फ्रांस के कब्जे वाले देश में पैदा होने के कारण शोभराज के पास फ्रांस की नागरिकता है. चार्ल्स शोभराज का असली नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज बताया जाता है. जुर्म की दुनिया वो ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से भी जाना जाता है. वो एक कुख्यात हत्यारा है और इसी जुर्म में 2003 से नेपाल की जेल में बंद है.