चेहरा देख कर वितरित किये मीडिया पास, सैंकड़ो पत्रकार ने दर्ज किया अपना विरोध
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे 10 फ़रवरी से 15 फ़रवरी तक चलने वाली इन्वेस्टर समिट व जी 20 की बैठक के लिए मीडिया पास वितरित करने को लेकर सूचना विभाग कार्यालय हुआ अव्यवस्थाओ का शिकार कई दिंनों से पत्रकारों को सूचना विभाग के दफ़्तर की परिक्रमा करनी पड़ रही थी। आपको बता दे कि मीडिया पास जारी करने को लेकर जी 20 की बैठक से एक दिन पहले सिर्फ राज्य मुख्यालय व ज़िला मुख्यालय से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मीडिया पास जारी किये गए वही गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों मे सिर्फ उन्ही पत्रकारों को मीडिया पास कार पास व बैग दिए गए जो सूचना निदेशक शिशिर सिंह की जी हजुरी मे लगे रहते है।
गौर तलब बात यह है कि कल के पैदा हुए यू ट्यूब चैनल व साप्ताहिक अख़बार व मासिक पत्रिका जिनका कोई अस्तित्व ही नही उन्हें भी एक आई कार्ड पर चार चार मीडिया पास दिए गए जबकि हिंदी दैनिक वो अख़बार जो नियमित भी है सूची बद्ध भी है और उनकी डी ए वीं पी भी है उन्हें मीडिया पास से वंचित किया गया जो सूचना निदेशक शिशिर सिंह की विक्षिप्त मानसिकता को दर्शाता है l
आपको बता दें कि जब से प्रदेश मे योगी सरकार अस्तित्व मे आई तब से सूचना निदेशकों व अधिकारियों द्वारा गोदी मीडिया को छोड़ कर सभी प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के छायाकारों, संवादाताओं व संपादकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाने लगा है बात चाहे विज्ञापन देने की हो, रेट लिस्ट की हो या फिर मान्यता देने की हर मामले मे सूचना विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है और अब एक बार फिर सूचना निदेशक शिशिर सिंह का दोगलापन सामने निकल कर आया है जहाँ जी 20 समिट व इन्वेस्टर समिट को लेकर मीडिया पास वितरित किये जाने मे गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों और अख़बारों के संपादको के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने का मामला निकल कर सामने आया।
वही इस जब पत्रकारों ने मीडिया पास वितरण की धांधली का विरोध किया किया तो उन्हें अपर निदेशक सूचना अंशुमान त्रिपाठी के कारिंदे ने भ्रमित कर ऑडिटोरियम की ओर यह कह कर भेज दिया कि सूचना निदेशक स्वयं पास देंगे और कोई वंचित नही रहेगा मगर ऑडिटोरियम मे पत्रकारों कोई नही मिला और जब सूचना विभाग के छटे तल पर वापस गए तो सयुक्त सूचना निदेशक, सहायक सूचना निदेशक के साथ साथ सूचना निदेशक शिशिर सिंह के कक्ष मे ताला लगा हुआ था इसका मतलब स्पष्ट था कि गैर मान्यता पत्रकारों को योगी सरकार के कारिंदो की ओर से तुक्ष नज़र से देखा जाता है।
शकील सिद्दीकी (उप संपादक की कलम से)