कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में रविवार को कहा कि यह शर्म की बात है कि आप कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भाषण दे सकते हैं लेकिन भारत की यूनिवर्सिटी में नहीं. उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा वास्तव में एक आत्म निरीक्षण थी.
इस यात्रा के जरिए उन्होंने यह समझने का प्रयास है कि देश में क्या हो रहा है. उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान हमने हजारों और हजारों लोगों से बात की. इस दौरान पता चला कि भारत में तीन सबसे बड़े मुद्दे हैं: बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और हिंसा जिसका भारतीय महिलाएं सामना करती हैं.
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन पर दिए बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- अगर आप विदेश मंत्री के बयान पर गौर करें तो उन्होंने कहा कि चीन हमसे कहीं अधिक शक्तिशाली है. मैं उनसे कैसे लड़ सकता हूं. विचारधारा के दिल में कायरता है. उन्होंने कहा कि अंग्रेज हमसे ज्यादा ताकतवर थे तो हमें उनसे नहीं लड़ना चाहिए था?
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक बात है कि लोकतंत्र के तथाकथित रक्षक अमेरिका और यूरोपीय देश इस बात से बेखबर हैं कि लोकतांत्रिक मॉडल का एक बड़ा हिस्सा पहले जैसा हो गया है, जो वास्तविक में एक समस्या है. विपक्ष उस लड़ाई को लड़ रहा है. यह सिर्फ भारतीय लड़ाई नहीं है. यह लड़ाई विशाल लोकतांत्रिक लोगों के लिए है.