नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में अवैध धार्मिक ढांचे (मजार) पर शनिवार को बुलडोजर चला. बुलडोजर एक्शन की ये कार्रवाई पीडब्ल्यूडी के द्वारा की गई है. बवाल या विरोध से निपटने के लिए और सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई.
मजार के केयरटेकर यूसुफ बेग का बयान
मजार के केयरटेकर यूसुफ बेग के का कहना है कि ये मजार लगभग 500 साल पुरानी है. ये उस वक्त से है जब ना तो यहां रोड थी और ना ही फुटपाथ. पिछले दिनों SDM से बात हुई थी. तब उन्होंने कहा था कि कुछ हिस्सा हटा लो, लेकिन हमने 13 मीटर का हिस्सा हटाया बावजूद इसके कार्रवाई की गई. पीडब्ल्यूडी की टीम ने टीन शेड हटाया, दो कमरे और दीवारें तोड़ दी हैं.
6 मार्च को वसंत कुंज इलाके में चला था बुलडोजर
राजधानी में इससे पहले 6 मार्च को अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला था. यह कार्रवाई वसंत कुंज इलाके में की गई थी. हालांकि, सिर्फ एक ही बिल्डिंग का डिमोलिशन किया गया था. इसको लेकर पीड़ित पक्ष ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.
गौरतलब है कि वसंत कुंज इलाके में राम मंदिर रोड पर नेवी से रिटायर्ड एक सैनिक जमीन लेकर उस पर मकान बना रहा था. इस पर एमसीडी ने बुलडोजर चलाकर तोड़ने का काम शुरू कर दिया. पीड़ित का आरोप था कि उनकी जमीन के ठीक बगल में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत की प्रॉपर्टी है. उन्हीं की शिकायत के बाद कार्रवाई की गई.
पीड़ित ने जिस जमीन को कैलाश गहलोत की बताया, आरोप है कि उस जमीन और सैनिक की जमीन का खाता खसरा एक ही है. दोनों ने कुछ साल पहले एक ही मालिक से जमीन खरीदी थी. ऐसे में सवाल यह है कि मंत्री की जमीन लीगल और उसकी जमीन अवैध कैसे हो गई.