नई दिल्ली। संसद के आज की कार्यवाही भी हंगामे के भेंट चढ़ गई है। मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की है। खड़गे ने मंगलवार को संसद में कहा कि मणिपुर जल रहा है, वहां बलात्कार हो रहे हैं, मकान जलाए जा रहे हैं।
खड़गे का कहना है कि हम मणिपुर की बात कर रहे हैं और प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं। वह इंडिया मतलब ईस्ट इंडिया बोल रहे हैं। खड़गे ने सभापति से कहा कि इतने सांसद नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। 4 दिन से नोटिस दे रहे हैं। दरअसल कांग्रेस समेत विपक्ष के अधिकांश दलों का कहना है कि नियम 267 के तहत मणिपुर पर चर्चा कराई जाए। इसमें प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर पर बयान दें और फिर उस बयान पर चर्चा हो जिसके बाद वोटिंग भी करवाई जा सकती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने सभापति से कहा कि मंगलवार को राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए 51 नोटिस दिए गए। इन नोटिस का संज्ञान लेते हुए नियम 267 के अंतर्गत मणिपुर हिंसा पर चर्चा करवाई जाए। हालांकि सभापति का कहना है कि वह पहले दिन ही नियम 176 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा को मंजूरी दे चुके हैं। विपक्ष का कहना है कि नियम 176 के तहत यह केवल एक शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन है। विपक्ष की मांग है कि राज्यसभा में विस्तार से मणिपुर पर चर्चा की जाए।