एक तरफ जहाँ सोमवार (22 जनवरी, 2024) को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर संपूर्ण हिन्दू समाज खुश नज़र आ रहा है, वहीं एक गिरोह के कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके दुःखों की कोई सीमा नहीं है। यहाँ तक कि सोशल मीडिया पर ‘बाबरी ज़िंदा है’ हैशटैग के साथ ट्रेंड भी चलाया गया। वहीं राना अय्यूब, अरफ़ा खानम, शेरवानी व आइशी घोष जैसों ने अपने देश को ही मृत करार दिया। इस गिरोह को 500 वर्षों के संघर्ष के बाद बने राम मंदिर से बड़ा ही दुःख है।
चंदा जमा कर के खा जाने का आरोप जिन पर लग चुका है, खुद को पत्रकार बताने वाली राना अय्यूब ने भी अपना ‘दर्द’ बयाँ किया। राना अय्यूब अक्सर विदेशी चैनलों पर बैठ कर भारत विरोधी बातें करती रहती हैं। राना अय्यूब ने लिखा, “ये दिन न सिर्फ सत्ताधारियों के क्रूर बहुसंख्यकवाद को प्रदर्शित करता है, बल्कि उनकी चुप्पी पर भी सवाल खड़े करेगा जो कभी संप्रदायिकता के खिलाफ लड़ते थे।” राना अय्यूब खुद इस्लामी कट्टरपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जानी जाती हैं।
This day will not just mark the brute majoritarianism of those in power, but also the silence of those who were once the bulwarks against communalism
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) January 22, 2024
इसी तरह ‘The Wire’ जैसे प्रोपेगंडा पोर्टल के लिए काम करने वाली अरफ़ा खानम शेरवानी ने भी सोशल मीडिया पर आकर प्रलाप किया। उन्होंने लिखा, “1992 में हुए सांप्रदायिक दंगों की एक पीड़ित के रूप में मेरे आसपास जो भी हो रहा है वो सब काफी परेशान करने वाला, अशांत कर देने वाला और हतोत्साहित करने वाला है। मेरी पीढ़ी को श्राप मिला है कि उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 और 22 जनवरी, 2024 को अपने जीवनकाल में देखा।”
As a survivor of communal riots of 1992, what’s happening around me is extremely disturbing, unsettling and unnerving.
My generation is cursed to have witnessed 6 Dec, 1992 and 22 Jan, 2024, both in one lifetime.— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) January 22, 2024
इसी तरह वामपंथी नेता आइशी घोष भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ लिखती नज़र आईं। उन्होंने लिखा, “22 जनवरी, 2024 – एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का पतन। इसे याद रखा जाएगा।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने अयोध्या पहुँचे सेलिब्रिटज पर तंज कसते हुए लिखा, “ये रीढ़विहीन लोग पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनके एजेंडे में फिट हो तो चाट भी सकते हैं। इसके राम के प्रति श्रद्धा से कोई लेना-देना नहीं है।” आइशी घोष JNU में हिंसा के लिए भी जानी जाती हैं।
22nd January.
Fall of a Secular Nation.
Will be REMEMBERED.
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) January 22, 2024
इसी तरह, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर ‘बाबरी ज़िंदा है’ ट्रेंड भी कराया गया। कोई 22 जनवरी, 2024 को ‘काला दिन’ बता रहा है, जबकि कोई लिख रहा है कि बाबरी मस्जिद उनके दिलों में ज़िंदा रहेगा। इस्लामी कट्टरपंथियों ने लिखा कि मस्जिद को मंदिर में तब्दील कर लोगे, लेकिन इस्लाम हमेशा रहेगा। इन लोगों ने लिखा कि हम न भूलेंगे, न माफ़ करेंगे। वहीं कुछ ने तो ‘इंशाअल्लाह’ लिखते हुए ये दावा भी कर डाला कि बाबरी मस्जिद को फिर से खड़ा किया जाएगा।
#BabriMasjid will rise again! inshaAllah.#BabriZindaHai pic.twitter.com/73lKL2OnRq
— Khawaja Yaseen Usmani (@YasinUsmani_Ofl) January 22, 2024
Black Day 💔
You can make the mosque a temple, but Islam will live forever…#BabriMasjid #BabriZindaHai pic.twitter.com/GDxf59EPhs— Rizwan Babar Army (@RizwanBabarArmy) January 22, 2024
उधर अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब अयोध्या की गलियों में गोलियों को गड़गड़ाहट नहीं होगा, बल्कि दीपोत्सव होगा। उन्होंने कहा कि अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर वहीं बना, जहां बनाने का संकल्प लिया, आज हम सबकी आत्मा इस बात से प्रफुल्लित हो रही है। उत्तर प्रदेश के CM ने कहा कि आज के इस पावन अवसर पर भारत का हर गाँव अयोध्या है, हर जिह्वा पर राम है, हमारे रामलला सिंहासन पर विराज रहे हैं।