कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्वीकार किया है कि मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के साथ कुछ मतभेद हैं . हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि मामले को सुलझा लिया जाएगा. खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति सिरिसेना ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के कुछ उम्मीदवारों के नाम खारिज करते हुये गुरुवार को 30 सदस्यीय कैबिनेट को अंतिम रूप दिया और सुरक्षा बलों एवं पुलिस पर अपना नियंत्रण बनाए रखा. इससे संकेत मिला कि सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच सत्ता संघर्ष जारी है.
कोलंबो गजट ने खबर दी है कि विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को मीडिया की आलोचना करते हुये कहा कि कुछ लोगों ने एक ‘फर्जी सूची’ जारी की है जिसमें दावा किया है कि उन्हें मंत्रालय विभाग के लिए नामित किया गया है. हालांकि राष्ट्रपति ने इसकी मंजूरी नहीं दी ही. उन्होंने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने दावा किया था कि श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) सदस्य वजीत विजयमुनि जोयसा का नाम मंत्री पदों के लिए नामित सांसदों की सूची में था.
हालांकि, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जोयसा का नाम सूची में नहीं था. विक्रमसिंघे ने कहा कि मीडिया का एक वर्ग लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने फर्जी सूचना वाली खबर दे रही मीडिया पर अगले महीने एक बहस कराने की बात कही.उन्होंने कहा कि कैबिनेट के गठन को लेकर वह सदन में एक बयान जारी करेंगे.