नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में गुटबाजी से पार पाकर कांग्रेस ने डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी कर ली. कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. एक सप्ताह से ज्यादा का समय मंत्रियों के चयन में लग गया, तीन दिन तक चली खींचतान के बाद अब विभागों का बंटवारा भी हो गया है. मगर अब एक बार फिर पार्टी खेमों में बंटी नजर आ रही है. यह तब देखने को मिला जब सरकार के मंत्री सीएम कमलनाथ की जगह अपने-अपने नेता में आस्था जताते दिखे.
राज्य के खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पदभार ग्रहण करते ही अपने कक्ष में माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर लगा ली. मीडिया ने जब पूछा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर नहीं है तो वे कहते हैं, ”कमलनाथ जी की भी तस्वीर आ रही है, थोड़ा लेट हो गए लाने में…”
पीएम मोदी पर साधी चुप्पी
वहीं, जब मंत्री से सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अपने कक्ष में लगाएंगे क्या ? इस पर प्रद्युम्न सिंह तोमर ने चुप्पी साध ली. वहीं, मीडिया के सवाल के बाद मंत्री के स्टाफ ने माधवराव सिंधिया की तस्वीर के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया की तस्वीर छिपा दी.
दरअसल, ग्वालियर सीट से दूसरी बार के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर को सिंधिया खेमे का नेता माना जाता है. गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. इस परिवार की गिनती देश के कद्दावर राजनीतिक परिवारों में होती है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी: इमरती देवी
डबरा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार की विधायक इमरती देवी को महिला बाल विकास विभाग की कमान सौपी गई है. प्रभार मिलने के बाद वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ ग्वालियर स्थित माधवराव सिंधिया की छत्री पर पहुंची और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. ज़ी मीडिया से खास बात करते हुए महिला मंत्री ने कहा कि प्रदेश में फैले कुपोषण को मिटाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. इसके साथ ही प्रदेश के नौनिहालों के हित के किए उनका विभाग काम करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस भरोसे से उनको इतना बड़ा विभाग सौंपा है, उस पर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगी.
अब हर विभाग में सीएम का फोटो
उधर, सरकार ने सभी विभागों को पत्र लिखकर सरकारी गतिविधियों के लिए सभी विभाग प्रमुखों को जनसंपर्क संचालनालय की वेबसाइट पर उपलब्ध मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर का ही प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं.
इन खेमों के मंत्री शामिल
आपको बता दें कि कमलनाथ के मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर पूरा ध्यान दिया गया है. मंत्रिमंडल में राज्य के तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले विधायकों को जगह दी गई है. मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ के 11, दिग्विजय सिंह के नौ, ज्योतिरादित्य सिंधिया के सात और अरुण यादव खेमे के एक मंत्री को शामिल किया गया है.
शिवराज का हमला
सूबे की कांग्रेस सरकार में विभागों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हमला बोल चुके हैं. उन्होंने कहा था कि विभाग बंटे बिना कैबिनेट बैठक हो रही है, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. यदि ऐसा ही चलता रहा, तो सरकार कौन चलाएगा? मुख्यमंत्री चलाएंगे या उनके पीछे से अलग-अलग गुटों के नेता? या फिर वे मंत्री चलाएंगे, जिनकी डोर अलग-अलग नेताओं के हाथ में है. जब इतने सारे लोग सरकार को नियंत्रित करेंगे, तो सरकार कैसे चलेगी?