लुम्थारी (मेघालय)। भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ के कर्मियों का एक दल 370 फुट गहरी खदान में वाटर लेवल का पता करने के लिए रविवार की दोपहर को उसके भीतर घुसा. इस खदान में 15 मजदूर फंसे हुए हैं. नौसेना के गोताखोर और उनके उपकरण दोपहर करीब डेढ़ बजे घटनास्थल पर पहुंचे जिसके बाद नौसेना अधिकारियों ने खदान में पानी के स्तर को मापना शुरू किया.
रिटायर्ड इंजीनियर-इन-चीफ जेएस गिल ने बताया, ”नौसेना के गोताखोर अंदर चले गए हैं. देखते हैं कि उनके द्वारा क्या बरामद किया गया है. अगर कुछ नहीं मिलता है, तो हम पानी को बाहर निकालने का काम शुरू कर देंगे. पंप आ गए हैं, लेकिन जनरेटर नहीं आए हैं. जनरेटर आने के बाद, पानी को पंप करने में 5 दिन लगेंगे.”
200 बचावकर्ता तैनात
अधिकारियों ने बताया कि उनके पास ओडिशा के बचाव दल द्वारा लाए 10 पंप भी रखे हैं. इस बीच गोताखोरों को भी जरूरत पड़ने पर तैयार रखा गया है. जिले के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों के करीब 200 बचावकर्ता घटनास्थल पर तैनात हैं. ओडिशा दमकल सेवा का एक दल अपने साथ 10 उच्च क्षमता वाले पंप लेकर आया है.
खदान के अंदर घुटन
ओडिशा के मुख्य दमकल अधिकारी एस सेठी ने बताया कि उनके दल को पंप से पानी बाहर निकालने का काम दिया गया है और वे इस काम के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बस यही चिंता है कि अगर अब हम पंप लगाते हैं तो कार्बन खींचने से खदान के अंदर घुटन हो सकती है.’’ उन्होंने बताया कि बाकी के आठ पंपों को इलाके में चिह्नित किए गए अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा.
पानी निकालने का काम
सीआईएल कोलकाता के जीएम ए के भराली ने बताया कि एक उच्च क्षमता वाला सबमर्सिबल पंप सीआईएल रांची से रविवार को पहुंच रहा है. इसमें प्रति मिनट 500 गैलन तक पानी निकालने की क्षमता है. चार दिन पहले यहां पहुंचे भराली ने कहा कि खदान में जैसे ही जेनरेटर और प्लेटफॉर्म उपलब्ध होंगे तभी पानी निकालने का काम शुरू किया जाएगा.
100 फुट अंदर जाने की क्षमता
पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के एसपी सिल्वेस्टर नोंगटियर ने बताया कि कम से कम दो पंपों को खदान के अंदर वाटर लेवल तक ले जाना होगा. उन्होंने कहा कि नौसेना के गोताखोरों ने बताया है कि उनके पास खदान में 100 फुट अंदर तक जाने की क्षमता है जबकि एनडीआरएफ के गोताखोर 30 फुट अंदर तक जा सकते हैं.
पूरा मामला
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के लुम्थारी गांव के क्सान इलाके की एक खदान में नजदीकी लैतिन नदी का पानी भर जाने के बाद से खनिक अंदर फंसे हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और कोल इंडिया की मदद से बचाव अभियान में लगा है.