नई दिल्ली। सेमी हाई स्पीड Train-18 का सफल परीक्षण हो चुका है. जनवरी के पहले हफ्ते में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को यह सौगात देने जा रहे हैं. ट्रेन-18 को बुलेट ट्रेन की दिशा में उठाया गया पहला कदम माना जा रहा है. ट्रेन-18 को देश के दूसरे रूट पर भी चलाए जाने की तैयारी की जा रही है.
भारतीय रेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दिल्ली-भोपाल-मुंबई और दिल्ली-अहमदाबाद रूट पर भी ट्रेन 18 चलाए जाने की तैयारी है. हालांकि, इसके लिए यात्रियों को मई-जून तक का इंतजार करना होगा. बता दें, यह भारत की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन है. स्पीड ट्रायल के दौरान यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ी थी. हालांकि, शुरुआत में इसे केवल 130 किलोमीटर प्रतिघंटे चलाए जाने की प्लानिंग है. जब तक मानकों के मुताबिक, ट्रैक को सुरक्षित नहीं कर लिया जाता है तब तक इसे 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से नहीं चलाया जाएगा.
बता दें, CCRS ने रेलवे बोर्ड को Train-18 को लेकर एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें स्पीड को लेकर बातें कही गई हैं. इसमें कहा गया है कि अगर ट्रेन को 130 से 160 किलोमीटर के बीच चलाया जाता है तो पहले ट्रैक को फेंसिंग के जरिए सुरक्षित करना होगा. इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि यह ट्रेन 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी. फेंसिंग का काम पूरा होने के बाद स्पीड लिमिट आगे बढ़ाई जाएगी.