बुलंदशहर/लखनऊ। बुलंदशहर में एक बार फिर गोकशी की वारदात सामने आई है. शहर के अरनिया थाना क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा गौवंशों के अवशेष मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कई थानों का पुलिस बल को मौक़े पर रवाना कर दिया गया है. पुलिस के कई आलाधिकारी भी वहां के लिए निकल चुके हैं. इससे पहले शहर के स्याना में 2-3 दिसम्बर को हुई गौकशी की वारदात के बाद हिंसा भड़क गई थी. हिंसा में प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
बता दें कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के प्रमुख आरोपियों में से एक को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त कलुआ की बुलंदशहर के एक दूर-दराज के गांव में मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद उसे वहां से गिरफ्तार किया गया.
कलुआ पर सिंह के सिर पर कुल्हाड़ी से वार करने का आरोप है. उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस इंस्पेक्टर को इसके बाद प्रशांत नट ने गोली मार दी थी, जो पहले से ही पुलिस हिरासत में है.
ऐसे हुई थी हिंसा, आगजनी और इंस्पेक्टर की हत्या
तीन दिसंबर को स्याना थानाक्षेत्र के महाव गांव के एक खेत में गायों के अवशेष मिले थे. ग्रामीणों ने वहां हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को बुला लिया. आरोप है कि बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज और भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने ग्रामीणों का नेतृत्व करते हुए अवशेषों को ट्रॉली में लादा और चिंगरावठी चौकी पर ले आये.
बुलंदशहर-गढ़ हाईवे जाम करके भीड़ प्रदर्शन करने लगी.प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह अवशेष महाव गांव के एक खेत में मिले हैं. प्रदर्शनकारी गोकशी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जाम खुलवाने की कोशिश की तब पुलिस के ऊपर पथराव किया गया. इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी सुमित को गोली लगी जिसके बाद स्याना के प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
भीड़ ने उस दौरान जमकर गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की. पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया था मगर उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है.