नई दिल्ली। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर रक्षा एवं राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि बोफोर्स एक घोटाला था जिसके कारण कांग्रेस की सत्ता चली गई जबकि राफेल मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता में दोबारा लाएगा.
राफेल मुद्दे पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने राफेल विमानों की कीमत, एचएएल को आफसेट में शामिल नहीं किए जाने, कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने एवं प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने सहित विपक्षी दलों के सभी आरोपों का ‘बिन्दुवार’ जवाब दिया और दावा किया कि कांग्रेस के सरकार के दौरान रक्षा एवं राष्ट्रहित की अनदेखी गई.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा, ‘‘मेरा सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर है और मैं स्पष्ट कहता हूं कि वह इस मामले में शामिल हैं.’‘ कांग्रेस एवं राहुल गांधी के आरोपों को असत्य एवं गुमराह करने वाला करार देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि साढ़े चार साल तक बिना भ्रष्टाचार के आरोपों के चली सरकार पर किसी न किसी तरह भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की हताशा के तहत यह सब किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में रक्षा मंत्रालय बिना दलालों के चल रहा है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी फ्रांस के राष्ट्रपति का हवाला बिना सबूत के दे रहे हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हैं. वे फ्रांस से निजी बातचीत के सबूत दिखाएं.
सीतारमण ने कहा, ‘‘ बोफोर्स एक घोटाला था जबकि राफेल विमान रक्षा जरूरत से जुड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘ बोफोर्स ने उन्हें :कांग्रेस: हटाया . वे चुनाव हार गए. राफेल हमें वापस लाएगा. राफेल मोदी को वापस लाएगा. राफेल नए भारत के लिए मोदी को वापस लाएगा. बदलते भारत के निर्माण के लिए राफेल मोदी को वापस लाएगा . राफेल भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मोदी को वापस लाएगा .’’ सीतारमण ने कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा 10 वर्षों में राफेल विमान खरीदने एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की नहीं थी जबकि वर्तमान सरकार ने बेहतर शर्तों के आधार पर संप्रग के समय के उड़ान भरने की स्थिति वाले 18 विमानों की तुलना में 36 विमान खरीदने का सौदा 9 प्रतिशत कम कीमत पर किया.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री ने सदन में कहा ‘‘आपने (कांग्रेस) सौदे को रोक दिया. यह भूल गए कि वायुसेना को इसकी जरूरत है. क्योंकि यह सौदा आपको रास नहीं आया. दरअसल इससे आपको पैसा नहीं मिला.’’
राहुल के आरोप
सदन में रक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ‘ मैं रक्षा मंत्री सीतारमण या पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं. मेरा सीधा आरोप प्रधानमंत्री मोदी पर है और मैं स्पष्ट कहता हूं कि वह इस मामले में शामिल हैं.’ उन्होंने पूछा कि रक्षा मंत्री इस सवाल का जवाब दें कि एचएएल के बजाय अनिल अंबानी को सौदा दिलाने का निर्णय किसने लिया? संप्रग के समय जिन एल-1 श्रेणी के विमानों का दाम 560 करोड़ रुपए था, वह आपके समय 1600 करोड़ रुपए कैसे हो गया? उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से अपनी निजी बातचीत और पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद के बयान का जिक्र किया.
राहुल ने कहा कि ओलांद ने अपने बयान में कहा था कि ऑफसेट साझेदार के लिए अनिल अंबानी का नाम भारत के प्रधानमंत्री और भारत सरकार की ओर से दिया गया और ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से सिर्फ यह अनुरोध किया था कि अगर ओलांद गलत कह रहे हैं तो वह उन्हें फोन कर ऐसे बयान नहीं देने को कहें.’’ बहरहाल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि वे (कांग्रेस) देश को गुमराह कर रहे हैं कि संप्रग सरकार 126 विमान खरीद रही थी. वास्तविकता यह है कि 18 विमान फ्लाईवे स्थिति में खरीदे जाने वाले थे और शेष विमान 11 साल में बनते.
उन्होंने कहा कि वह जानना चाहती है कि जब तत्काल जरूरत है तो फिर इतना समय क्यों? 2006 से 2014 के बीच 18 विमान भी क्यों नहीं आए? रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को सवाल पूछने के लिए बल्कि जवाब देने के लिए खड़े होना चाहिए. यह जवाब देना चाहिए कि सौदा क्यों नहीं हुआ? कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग एचएएल के बारे में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वे 108 विमान देश के भीतर बनाने का मुद्दा हल क्यों नहीं कर सके? उन्होंने दावा किया कि भाजपा नीत राजग सरकार ने एचएएल को बड़े रक्षा अनुबंध दिए.
अगस्ता वेस्टलैंड का ठेका
रक्षा मंत्री ने कहा कि आपको एचएएल की चिंता है. आपको ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि मिशेल यहां आ गया है. आपने अगस्ता वेस्टलैंड का ठेका एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए नहीं दिया क्योंकि एचएएल आपको कुछ नहीं देता. उन्होंने कहा कि एचएएल ने कहा था कि इस विमान को तैयार करने में उसे अधिक श्रम दिवस लगेंगे. स्वदेश लड़ाकू विमान सहित कई परियोजनाओं में एचएएल द्वारा अधिक समय लगाए जाने का उल्लेख संसदीय समिति की कई रिपोर्ट में आ चुका है.
सीतारमण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए जोर दिया कि शीर्ष अदालत ने कीमत, प्रक्रिया और आफसेट तीन विषयों पर विचार करने के बाद कहा कि इन आधारों पर इस अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
10 साल में एक भी विमान नहीं
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय 10 वर्षों में एक भी राफेल विमान नहीं आया जबकि वर्तमान सरकार के तहत सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया और पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जाएंगे.
रक्षा मंत्री के जवाब के बाद राहुल गांधी को दोबारा स्पष्टीकरण का मौका नहीं दिए जाने और सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर असंतोष जताते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया.