लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार केंद्र की हो या यूपी की, बस नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके खुश है। नाम बदलने में भी उनकी कोई मौलिकता नहीं दिखती है क्योंकि पहले की भी सरकारें ये खेल कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करें। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे उद्देश्य आरएसएस का एजेंडा लागू करना है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना लागू नहीं की। सपा सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर वाहवाही कर लेती है। भाजपा नेतृत्व के इस छल प्रपंच को जन साधारण के साथ भाजपा विधायक-सांसद जान गए हैं। अब वे भी विरोध में आवाज उठाने लगे हैं। विधानसभा में तो 100 विधायक एक बार सामूहिक विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्नाव के सदर से विधायक ने सदर कोतवाली में धरना दिया। विधायक ने कहा कि पुलिस कर्मी और सदर सीओ जनता को प्रताड़ित करते हैं और अभद्रता करते हैं। अपनी सरकार से ही परेशान विधायक की बात नहीं सुनी जाती।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जो सरकार सामाजिक समरसता एवं सद्भाव के सांस्कृतिक मूल्यों एवं संविधान के सिद्धांतों को निरंतर नष्ट कर रही हैं, वह शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल ले, उससे कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करें। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे उद्देश्य आरएसएस का एजेंडा लागू करना है। इस एजेंडे के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो पूरी शैक्षिक व्यवस्था ही गड़बड़ है। यहां शैक्षिक समय सारिणी तक का पालन नहीं हो पा रहा है।