नई दिल्ली। देश की सबसे शक्तिशाली मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5) का आज परीक्षण होने की संभावना है और इस परीक्षण को लेकर मीडिया में आई खबरों की वजह से चीन पहले ही डरा हुआ है। पिछले हफ्ते चीन ने कहा था कि दक्षिण एशिया के सभी देशों को क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए। अग्नि-5 का परीक्षण करने के बारे में भारत की योजना से संबंधित खबरों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने पिछले हफ्ते संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने से सभी के साझा हित पूरे होंगे, जहां चीन को उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक प्रयास करेंगे।’’
Agni-5 मिसाइल की खासियत
दरअसल अग्नि-5 मिसाइल को देश की सबसे ताकतवर मिसाइल मानी जा रही है और यह मिसाइल दुनिया के आधे हिस्से तक लक्ष्य को भेद सकती है। दुनिया के जिस आधे हिस्से में अग्नि-5 की पहुंच है उसमें पूरा चीन आता है और चीन इसी वजह से अग्नि-5 के परीक्षण की वजह से डरा हुआ है। यह अंतर-महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार भी अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किलोमीटर तक है और इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। भारत के अलावा अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस तथा उत्तर कोरिया के पास भी इस तरह कि मिसाइल उपलब्ध है।
इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश होगा भारत
आपको बता दें कि फिलहाल दुनिया के मुट्ठीभर देशों के पास ही इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजराइल, ब्रिटेन,चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं। भारत इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश होगा।
भारत अपनी अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण पहले भी कर चुका है। पहली बार इस मिसाइल का परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था, उसके बाद सितंबर 2013 में दूसरा परीक्षण हुआ था। कुल मिलाकर अबतक अग्नि-5 मिसाइल के 7 परीक्षण हो चुके हैं और इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल करने की तैयारी भी हो रही है।