नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनके सहयोगी मंत्री राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखकर TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ से जुड़े आरोपों की जांच की मांग की है. निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से एक पत्र मिला है, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच कथित तौर पर रिश्वत के आदान-प्रदान के “अकाट्य” सबूत साझा किए गए हैं. भाजपा सांसद ने स्पीकर से आरोपों की जांच के लिए एक जांच पैनल बनाने का आग्रह किया है.
आरोपों को बताया गंभीर
निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी और उनके रियल-एस्टेट समूह हीरानंदानी समूह को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल तक पहुंच प्रदान की थी? ताकि वे इसका उपयोग कर सकें. यह उनके अपने निजी लाभ के लिए है.’
महुआ के खिलाफ लगाए गए आरोपों में इसे “संभवतः सबसे निंदनीय और गंभीर” बताते हुए दुबे ने कहा कि यदि दावा सही पाया जाता है, तो यह एक गंभीर आपराधिक मामला है और साथ ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. इसके अलावा, भाजपा सांसद ने मोइत्रा के लोकसभा वेबसाइट अकाउंट के सभी लॉगिन क्रेडेंशियल के आईपी एड्रेस की भी जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाए कि जब वेबसाइट पर लॉगिन किया गया था तो क्या महुआ उस लोकेशन पर मौजूद थीं?
महुआ मोइत्रा का पलटवार
इस बीच, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने दुबे पर पलटवार करते हुए आईटी मंत्रालय से सभी सांसदों का लॉगिन विवरण जारी करने का आग्रह किया है. एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘सांसदों के सभी संसदीय कार्य पीए, सहायक, इंटर्न, बड़ी टीमों द्वारा किए जाते हैं. आदरणीय अश्विनी वैष्णव, कृपया सीडीआर के साथ सभी सांसदों के स्थान और लॉगिन विवरण का विवरण जारी करें. कृपया लॉगिन करने के लिए कर्मचारियों को दिए गए प्रशिक्षण की जानकारी जारी साझा करें.’
बीजेपी सांसद का कहना है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 ऐसे सवाल पूछे जो कि सुरक्षा से जुड़े थे और ये सवाल व्यावसायिक हितों की रक्षा या उन्हें बनाए रखने के इरादे से” पूछे थे. ये मामला बेहद गंभीर है. जो कि पैसे के बदले संसद में सवाल पूछने से जुड़े 12 दिसंबर 2005 के ‘कैश फॉर क्वेरी’ प्रकरण की याद दिलाता है. इसमें 11 सांसदों की सदस्यता चली गई थी. भाजपा नेता दुबे ने दावा किया कि “प्रश्न अक्सर प्रतिद्वंद्वी व्यापारिक समूह अदाणी समूह पर भी केंद्रित थे. उन्होंने दावा किया कि नकदी और उपहार के बदले में सवाल पूछे गए थे.
‘एक्स’ पर निशिकांत दुबे पर पलटवार करते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘मैं एक कॉलेज/यूनिवर्सिटी खरीदने के लिए अपनी सारी गलत कमाई और उपहारों का उपयोग कर रही हूं, जिसमें डिग्री दुबे आखिरकार एक वास्तविक डिग्री खरीद सकते हैं.’ उन्होंने अडानी ग्रुप पर भी निशाना साधा. तृणमूल सांसद ने एक्स पर लिखा, ‘अगर अदाणी समूह मुझे चुप कराने के लिए संदिग्ध संघियों और फर्जी डिग्री वालों द्वारा प्रसारित संदिग्ध डोजियर पर भरोसा कर रहा है तो मैं उन्हें सलाह दूंगी कि वे अपना समय बर्बाद न करें. अपने वकीलों का बुद्धिमता से उपयोग करें.’
अदाणी समूह ने कहा, ‘यह घटनाक्रम 9 अक्टूबर 2023 के हमारे बयान की पुष्टि करता है कि कुछ समूह और व्यक्ति हमारे नाम, सद्भावना और बाजार की स्थिति को नुकसान पहुंचाने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं. हमारे नाम, साख और बाजार में प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएं. इस विशेष मामले में, एक अधिवक्ता की शिकायत से पता चलता है कि अदाणी समूह और हमारे अध्यक्ष गौतम अडानी की प्रतिष्ठा और हितों को नुकसान पहुंचाने की यह व्यवस्था 2018 से चली आ रही है.’
इस बीच, हीरानंदानी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया, उसके प्रवक्ता ने कहा कि समूह ने हमेशा देश के हित में सरकार के साथ काम किया है और आगे भी करता रहेगा.